ग्वालियर मध्य प्रदेश: अपने काले कारनामों के लिए पूरे देश में कुख्यात मध्य प्रदेश का परिवहन विभाग अपनी काली कमाई बढ़ाने के कुछ न कुछ कारनामे निकाल ही लेता है। मेले में बिकने वाले वाहनों पर भी कई तरह की घबड़ों की घटनाएं पहले सामने आ चुकी हैं । लेकिन अब ग्वालियर आरटीओ विभाग ने एक ऐसा कारनामा किया है। जो एक और करोड़ों की गाड़ी खरीदने वालों को अतिरिक्त लाभ दे रहा है वहीं प्रदेश सरकार को राजस्व का नुकसान पहुँचा रहा है। और इसे पूरे गड़झाला में आरटीओ के कर्मचारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता।
आपको बता दें की मध्यप्रदेश में स्क्रैप पॉलिसी लागू है जिसके तहत यदि आप अपने पुराने वाहन स्क्रैप सर्टिफिकेट लगाते हैं तो आपको रोड टैक्स में प्रदेश सरकार द्वारा 25% झूट दी जाती है। ग्वालियर व्यापार मेला की बात करें तो इस मेले में वाहनों की खरीद पर। रोड। टैक्स पर 50% की छूट दी जाती है। और इसी लाभ को प्राप्त करने के लिए तमाम दूरदराज। के क्षेत्रों से भी ग्राहक ग्वालियर बेला पहुँचते हैं और महंगी से महँगी लग्जरी गाड़ियां खरीदते हैं। जब यहां कुछ और फायदे की बात ग्राहक पूछते हैं। तो उन्हें फर्ज़ी स्क्रैब सर्टिफिकेट के माध्यम से अतिरिक्त लाभ देने की जुगत बताई जाती है। तमाम वाहन विक्रेताओं और आरटीओ के मेला स्पॉट कार्यालय पर ऐसे दलाल सक्रिय बैठे रहते हैं। जो ग्राहकों को ऐसा लालच। देकर प्रदेश सरकार को राजस्व का चूना लगाने का काम करते हैं।
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मध्यप्रदेश में 15 साल से पुराने वाणिज्यिक बहनों के संचालन पर। रोक है और तमाम विभागों में ऐसे पुराने वाहनों का संचालन बंद है। निजी वाहनों को लेकर भी। अलग-अलग स्लैब में स्क्रेप सर्टिफिकेट के माध्यम से छूट मिल जाती है वाणिज्यिक वाहनों पर यह छूट 15% और निजी वाहनों पर पच्चीस प्रतिशत है। ग्वालियर।व्यापार मेला में इस छूट के नाम पर आरटीओ विभाग के संरक्षण में लूट चल रही है। और यह लूट मध्यप्रदेश के राजस्व को नुकसान पहुँचा करके जा रही है। ऑटोमोबाइल कारोबारी आरटीओ के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर लग्जरी वाहन ऑडी मर्सडीज जैसे महंगे कारों पर स्क्रिप्ट सर्टिफिकेट के माध्यम से ग्राहक को अतिरिक्त लाभ का लालच देते हैं।
इस पूरे मामले में यह बात भी निकलकर आई है के अमूमन ग्राहक को स्क्रैप सर्टिफिकेट या ऐसे किसी नियम की जानकारी नहीं होती है। लेकिन मेले में वाहन विक्रेताओं और आरटीओ। के दलाल। ग्राहकों को इस बारे में जानकारी देकर। अतिरिक्त लाभ लाभ का।लालच देते हैं। ग्राहक भी जब देखता है कि बिना किसी परेशानी के बैठे-बैठाए सर्टिफिकेट लग रहा है और उसको लाखों रुपए का फायदा हो सकता है तो वह भी कोई एतराज नहीं करता। सूत्रों की मानें तो एक स्क्रिप्ट सर्टिफिकेट के एवज में ऐसे दलाल 25 से 50 हज़ार रुपए तक ग्राहक से ले लेते हैं। ग्वालियर। व्यापार मेले में तमाम लग्जरी वाहन बिक चुके हैं और इस तरह के फर्जी आ स्क्रैप सर्टिफिकेट का उपयोग महंगे वाहनों की खरीदारी में खूब किया गया है।
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इस पूरे मामले में ऑटो मोबाइल कारोबारी और परिवहन विभाग की भूमिका भी संदिग्ध है। क्योंकि ग्राहकों को इस तरह की फर्जी स्क्रिप्स सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने वाले दलालों का कनेक्शन परिवहन विभाग और कारोबारियों से है। परिवहन विभाग में किसी गाड़ी का। रजिस्ट्रेशन होता है। या कोई भी? गाड़ी बेची जा रही है। तो जब प्रदेश सरकार राजस्व की छूट दे रही है तो तमाम दस्तावेजों की जाँच करने कि जवाबदेही परिवहन विभाग की होती है। इस पूरे मामले में जिला परिवहन अधिकारी विक्रमजीत सिंह कंग कोई भी जानकारी देने से बचते नजर आ रहे हैं।