भोपाल मध्य प्रदेश: प्रदेश ही नहीं पूरे देश के तमाम टोल प्लाजा पर वाहन चालकों और टोल प्लाजा कर्मचारियों की बीच विवादों की घटनाएं लगातार खबरों में आती रहती हैं और इन विवादों को कम करने के लिए अब एक नई टोल भुगतान व्यवस्था शुरू की जा रही है या कहें कि? जो टोल भुगतान व्यवस्था चल रही थी, उसमें सुधार किया जा रहा है और साथ ही ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह सुधार। वाहन चालकों के हित में है ताकि उनको होने वाली परेशानी। कम हो। लेकिन चलिए हकीकत जानते हैं और इस नयी व्यवस्था की या इस बदलाव की जरा पर्दे खोलते हैं।
शनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया सड़क परिवहन मंत्रालय ने फास्टैक्स से जुड़े नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आपको बता। दें कि देश के समस्त टोल प्लाजओं पर ऑनलाइन ऑनलाइन टोल भुगतान के लिए फास्टैग की शुरुआत की गई थी। और अब सोमवार यानी आज से फास्टैग। के कुछ नियमों में। बदलाव होने जा रहा है इस नियम के तहत कम बैलेंस। देरी से भुगतान ब्लैक लिस्टे टैग वाले वाहन चालक। पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। तो अब यह बात समझ से परे है कि वाहन चालकों पर जुर्माना लगाकर। सडक परिवहन मंत्रालय यह दावे कैसे कर रहा है ? ? कि यह नया बदलाव वाहन चालकों की सुविधा के लिए है और उनके हित में होगा।
फास्ट टैग से संबंधित नए नियम उन। वाहन चालकों को प्रभावित करेंगे जो भुगतान में देरी करते हैं या जो कभी-कभी हाईवे पर जाते हैं जिसके चलते उनका फास्टैग, ब्लैक लिस्टेड या इनएक्टिव हो जाता है और जब वे लोग कभी यात्रा पर निकलते हैं तब टोल प्लाजा के पास पहुँच कर ही अपना। पॉलिट रिचार्ज करा लेते हैं। लेकिन अब टोल प्लाजा पर पहुँचने के 60 मिनट पहले तक। आपका फास्टैग वॉलेट सक्रिय रहना चाहिए और टोल प्लाजा से निकलने के बाद तक भी सक्रिय रहना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो आपका टोल भुगतान अस्वीकार माना जाएगा।
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साथ ही सड़क परिवहन विभाग का दावा है कि टोल भुगतान को सुवियस्थित करने विवादों को कम करने चार्ज प्रक्रिया और कूलिंग पीरियड के साथ-साथ लेनदेन स्वीकृति नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। नए दिशा निर्देशों के अनुसार यदि। कोई वाहन चालक टॉल रीडर से गुजरते समय 15 मिनट से अधिक समय के बाद टोल लेनदेन अपडेट होता है। तो फास्टैग यूजर को। अतिरिक्त शुल्क जुर्माने के रूप में देना पड़ सकता है अपडेट? किए गए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के दिशा निर्देश में यह भी प्रावधान है कि यदि लेनदेन देरी से होता है और वाहन चालक के फास्टैग खाते में पर्याप्त राशि नहीं है। तो टोल ऑपरेटर को जिम्मेदार माना जाएगा। इसके साथ ही यदि किसी वाहन चालक की गलत राशि कट जाती है तो वह पंद्रह दिन बाद शिकायत दर्ज करा सकते हैं।इससे पहले वाहन चालक। टोल बूथ पर अपने फास्टैग को रिचार्ज करा सकते थे और तत्काल रिचार्ज कराकर भी आगे निकल जाते थे।जिससे कि उन्हें अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता था।
जिस तरह का नया बदलाव आज सोमवार 17 फरवरी से होने जा रहा है वह किस तरह से वाहन चालकों के हित में है और टोल भुगतान को स्वयं कर रहा है। यह समझ से परे है क्योंकि जो वाहन चालक प्रतिदिन टोल प्लाजा से निकलते थे वे तो सामान्यतः ही अपने फास्टेक को सक्रिय ।। और उसमें बैलेंस बनाए रखते थे लेकिन कभी कभी निकलने वाले वाहन चालकों का फास्टैक्स। निष्क्रिय हो जाता था और अब यदि वह। किसी टोल प्लाजा से निकलते हैं तो उन्हें इन नए खां नियमों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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