ग्वालियर, मध्य प्रदेश: शहर में नकली बिसलरी पानी की बोतल तैयार करने वाले बड़ी फैक्ट्री का खुलासा हुआ है, मुंबई हाई कोर्ट के आदेश पर एडिशनल स्पेशल रिसीवर की मौजूदगी में फैक्ट्री पर रेड कर इसे सील किया गया। मौके से खाली भरी बोतल सहित एक करोड़ से अधिक कीमत की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को बंद कराया गया है। यहां यह बात हैरान करने वाली है कि इतने बड़े स्तर पर एक नकली बिसलरी बनाने की फैक्ट्री शहर के मुख्य क्षेत्र में संचालित थी और जिला प्रशासन और जिला पुलिस को कभी इसके बारे में कोई सूझना तक नही है।
देश भर के साथ ही ग्वालियर में भी फेमस पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर कंपनी बिसलेरी के नाम से मिलती-जुलती नाम की पानी की बोतल धड़ल्ले से बेची जा रही है। बीते जुलाई महीने में ग्वालियर के आपागंज में रहने वाला नदीम खान मोहर्रम के जुलूस में शामिल होने आनंद नगर बहोड़ापुर पहुंचा था, जुलूस के दौरान जब उसे प्यास लगी तो उसने शीतला डेयरी से पानी की बोतल खरीदी, बोतल पर बिसलेरी कंपनी के नाम से मिलता जुलता नाम लिखा हुआ था,वह ओरिजनल बिसलरी समझ उसे पी गया, इसे पीने के बाद उसकी हालत बिगड़ी और उसे ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था, नदीम के परिजनों द्वारा इसकी शिकायत बहोड़ापुर थाना पुलिस से की गई थी। पुलिस ने मौके पर पहुंच बिसलेरी नाम की नकली बोतले दुकानदार से बरामद भी हुई।
नदीम के द्वारा स्वस्थ होने पर इस पूरे मामले की शिकायत के साथ लीगल एक्शन लेते हुए बिसलेरी कंपनी को नोटिस भेजा गया था। नोटिस पर काम करते हुए बिसलेरी कंपनी ने मुंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट में बिजलरी कंपनी के द्वारा देश भर में बिसलेरी के नाम से मिलती-जुलती पानी की बोतल बेचने से जुड़ी जानकारी और सबूत दिए, मुंबई हाई कोर्ट ने सबूत के आधार पर एडिशनल स्पेशल रिसीवर की नियुक्ति करते हुए कार्यवाई के लिए निर्देशित किया, जिसकी शुरुआत ग्वालियर से ही की गई। ग्वालियर के विनय नगर सेक्टर 3 स्थित ग्वालियर बेवरेज नाम से संचालित पानी की बोतल पैक करने वाली फैक्ट्री पर यह कार्रवाई की गई,एडिशनल स्पेशल रिसीवर के द्वारा मौके पर हजारों की संख्या में खाली और भरी हुई पानी की बोतल बरामद की, इन सभी बोतल पर बिसलेरी के नाम से मिलता जुलता नाम वाला रैपर लगा हुआ था। ऐसे में एडिशनल स्पेशल रिसीवर के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में फैक्ट्री को सील किया। खाली भरी पानी की बोतलों सहित एक करोड़ कीमत की यह मैन्युफैक्चरिंग यूनिट सील कर दी गई,एडिशनल स्पेशल रिसीवर तेज सिंह का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई अब लगातार जारी रहेगी। लोगों को भी जागरूक होना होगा क्योंकि असली और नकली में फर्क करना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।
आपको बता दें कि शहर के औद्योगिक क्षेत्र के अलावा शहरवासी कालोनियों में भी इस तरह की कई छोटी-बड़ी फैक्टरियां चल रही हैं जो तमाम खाद्य सामग्री का निर्माण करती हैं। यह पहला मामला नहीं है जब किसी ब्रांडेड कंपनी के नकली प्रोडक्ट्स ग्वालियर में पकड़े गये हों। लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि खुलेआम इतनी बड़ी फैक्टरी संचालित हो रही थी। पूरे शहर में यहाँ से सप्लाई की जा रही थी। और यह सब पुलिस और प्रशासन की नजर मैं क्यों नहीं आया। या फिर कहें कि पुलिस और प्रशासन की नजर में यह सब कारनामे। रहते हैं। उसके बाद भी इन्हें इस तरह का काम करने का संरक्षण मिला होता है! यदि ऐसा है तो हमारा प्रशासन और पुलिस ही शहर की भोले-भाली जनता को नकली प्रोडक्ट्स का जहर खिला रही है!