ग्वालियर मध्य प्रदेश: एक युवती को डिजिटल अरेस्ट कर उसके खाते से 6 लाख रूपये ट्रांसफर करा ठगी का मामला सामने आया है। युवती के नाम से पार्सल बुक होने और उससे ड्रग्स भेजने की धमकी देकर युवती को झांसे में लिया गया और फिर डिजिटल अरेस्ट रख उसके खातों की गोपनीय जानकारियां ले ली गई। बाद में जब युवती को समझ में आया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है तो उसने मामले की शिकायत पुलिस से की है. पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। जन सुनवाई में पहुँची युवती एफआईआर की मांग कर रही थी जबकि पुलिस अधिकारी युवती को जांच के बाद एफआईआर करने का आश्वासन दे रहे थे। पुलिस की इस कार्यप्रणाली पर युवती ने नाराजगी भी जाहिर की।
दरअसल ग्वालियर के बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के घोसीपुरा रेलवे स्टेशन के पास मानस विहार कॉलोनी में रहने वाली युवती मानसी शर्मा को डिजिटल अरेस्ट कर धोखाधड़ी की यह वारदात हुई है। एसपी ऑफिस पहुंची मानसी ने बताया कि 7 नवंबर की दोपहर 11:30 की करीब उसके मोबाइल नंबर पर अनजान व्यक्ति का कॉल आया और करीबन 30 मिनट उसने बात करते हुए बताया कि युवती के नाम पर एक पार्सल है जिसमें अवैध ड्रग्स पाए गए हैं. युवती को कहा गया कि पूरे मामले की जांच चल रही है और वीडियो कॉल के माध्यम से एक व्यक्ति से मिलवाया गया जिसे स्वयं को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा की युवती के बैंक खाते से संबंधित गतिविधियां हो रही है युवती को मानसिक दबाव में रखते हुए करीबन 9 घंटे तक उसे टॉर्चर किया गया. आरोपियों ने युवती से आधार कार्ड की फोटो और अन्य गोपनीय जानकारियां भी ले ली. साथ ही डरा धमका कर तीन अलग-अलग बैंक खातों में ₹600000 ट्रांसफर करा लिए गए. बाद में युवती के नाम पर ₹1200000 का लोन लेने की कोशिश भी की गई लेकिन तब तक युवती को समझ आ गया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है ऐसे में पीड़ित युवती ने ग्वालियर एसपी ऑफिस पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से पूरे मामले की शिकायत की है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र वर्धमान ने बताया कि पीड़ित युवती ने शिकायत की है करीबन 5 दिन पूर्व स्काई एप के जरिए उसे झांसे में लेकर उसके साथ करीबन ₹6 लाख की धोखाधड़ी हुई है मामले को क्राइम ब्रांच को सोपा गया है और मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे और जांच तथ्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों को देखते हुए पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है और सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों से अपील की जा रही है कि इस तरह के झांसे में ना आए,साथ ही लोगों को बता रहे है कि डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज नहीं होती है फिर भी लोग इस का शिकार हो रहे हैं तो हम उनकी शिकायत सुनकर उनका समस्या का निराकरण करने का प्रयास कर रहे हैं।
हम अपने पाठकों को बता दें कि इस तरह के डिजिटल अरेस्ट से बचने का एक और एक मात्र उपाय है। अपने डर के ऊपर जीत क्योंकि जैसे ही इस तरह के कॉल आपके पास आते हैं। आप गलत न होते हुए भी डर जाते हैं। और आपका यह डर ही इन। साइबर ठगों के लिए हथियार बन जाता है। जितने ज्यादा डर में आप होते हैं उतनी ही ज्यादा आपके ठगे। जाने संभावना बढ जाती है इसलिए जब भी इस तरह के कॉल आएं तो आप अपना आत्मविश्वास न खोएं और किसी भी तरीके की बातों में आकर डरे नहीं बल्कि ऐसे कॉल को तुरंत कट करके इग्नोर कर दे।