Tuesday, December 24, 2024
11.1 C
Delhi
Tuesday, December 24, 2024
HomeBig Newsबांग्लादेश को खुश करने स्टेडियम पर हिन्दुओं के कपड़े उतरवा लिए आयोजक...

बांग्लादेश को खुश करने स्टेडियम पर हिन्दुओं के कपड़े उतरवा लिए आयोजक बीसीसीआई एमपीसीए ने

ग्वालियर मध्य प्रदेश: 6 अक्टूबर, 2024 का ऐतिहासिक दिन जब ग्वालियर के शंकर क्रिकेट स्टेडियम पर ग्वालियर का पहला टी ट्वेंटी मैच खेला गया और भारत ने इसमें जीत भी दर्ज की। क्रिकेट प्रेमियों के सर पर क्रिकेट का बुखार इस कदर चढ़ा हुआ था कि हजारों लोग वहां दीवानों की तरह क्रिकेट मैच देखने पहुंचे थे। लेकिन ऐसे युवा क्रिकेट प्रेमी जो कुछ न कुछ काला कपडा पहने हुए थे उनका यह क्रिकेट देखने का बुखार आयोजकों ने उतार दिया। महंगा टिकट खरीद कर कई किलोमीटर की यात्रा कर। क्रिकेट की दीवानगी मन में लिए ऐसे क्रिकेट प्रेमियों? के कपड़े आयोजकों ने इस डर से उतरवा। लिए कहीं यह युवा क्रिकेट प्रेमी के जगह किसी हिंदू संगठन के कार्यकर्ता न हों और ऐसा न हो अपने काले कपडे झंडे के रूप में लहराकर बांग्लादेश का विरोध कर दें। 

आपको बता दें कि जब से ग्वालियर में भारत बांग्लादेश मैच की घोषणा हुई है तभी से कुछ गिने चुने हिंदू। संगठन और कार्यकर्ता इस मैच का विरोध कर रहे हैं और इस विरोध के चलते बीसीसीआई और एमपीसीए। के लिए यह चुनौती रही कि।किसी भी तरीके से शांतिपूर्वक मैच का आयोजन करा लिया जाए और किसी भी तरह की अनहोनी न हो। लेकिन हिन्दू संगठन के विरोध और बीसीसीआई एमपीसीए इस डर का कष्ट क्रिकेट प्रेमियों को झेलना पड़ा। जैसे ही काला टीशर्ट काली शर्ट कालेस्कार पहनें युवक युवती अपना टिकट लिए संबंधित प्रवेश द्वार पर पहुंचे तो उन्हें वहां रोक दिया गया और बोला गया कि आप अपना काला कपड़ा उतारकर कुछ और पहनकर आएं। इस मजबूरी में कई लोगों को अंदर प्रवेश नहीं दिया गया और उन्हें फिर आस। पास खड़े हॉकर से टी-शर्ट्स खरीदनी पड़ी। आपको बता दें यह दर्शक एक लंबी लाइन में लगे हुए थे। और काफी लंबा समय खर्च करने के बाद प्रवेश द्वार तक पहुंचे थे। इनको पहले से ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई थी। आपको काला कपड़ा पहनकर नहीं आना है। कई युवाओं को सार्वजनिक जगह पर मुख्य गेट पर ही काले टी शर्ट और शर्ट उतरवा लिए गए। जिससे उनको शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। यहां तक कि उतारे गए कपड़े भी अन्दर ले जाने की अनुमति नहीं थी। और उन्हें अपने कपड़े गेट पर ही छोड़ना पड़े। कुछ युवाओं ने तो अपने शर्ट टी शर्ट गेट की आयरन बार से इस तरह बाँध दिए जैसे कोई मन्नत मांगी हो कि यह उन्हें लौटते समय वापस मिल जाए। 

आईडीएफसी बैंक जो इस मैच के प्रायोजकों में से एक है उसके कर्मचारी भी बैंक द्वारा दी गई ब्लैक टी शर्ट आईडीएफसी के लोगों के साथ पहने हुए थे। उनको भी टी शर्ट पहनकर अंदर नहीं जाने दिया गया। यहां तक आयोजकों ने जो बाउंसर गेट पर लगा रखे थे उनकी शक्ति युवतियों की तुलना में युवकों पर ज्यादा रही। जो युवतियां फुल गाउन फुल ड्रेस पहनी हुई थी उन्हें ब्लैक पहनकर अंदर जाने की अनुमति मिली। और जो युवतियां टी शर्ट पहनी हुई थी उन्हें टीशर्ट के ऊपर ही इंडियन क्रिकेट टीम की टी शर्ट पहनकर प्रवेश करने की अनुमति मिली। जबकि युवाओं को किसी भी तरह का काला कपडा।किसी भी स्थिति में अंदर ले जाने से रोका गया। जब कुछ युवक काले टीशर्ट के ऊपर इंडियन क्रिकेट टीम की टी शर्ट पहनकर पहुंचे तो उनकी भी अंदर की क्वालिटी शर्ट उतरवाई गई। इस ब्लैक कपड़े रोकने के चक्कर में क्रिकेट प्रेमियों का समय खराब हुआ और साथ ही उनको। सार्वजनिक जगह पर शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ा लेकिन इतना पैसा खर्च करके क्रिकेट ग्राउंड। के गेट तक पहुंचे इन क्रिकेट प्रेमियों की मजबूरी थीये मैच तो देखना ही था।

यहाँ आयोजक चाहते तो बांग्लादेश को काले झंडे दिखाने का जो डर उनके मन। में था?उसके लिए वह एक बेहतर विकल्प रख सकते थे। ऐसे आयोजन के समय आयोजकों। ने जब ऑनलाइन टिकट बुक किए थे उसी समय सभी के मोबाइल नंबर भी सिस्टम में फीड होने चाहिए थे जिनको समय समय पर मैसेज के द्वारा हर अपडेट पहुँचना चाहिए था। यदि अंतिम समय पर काले कपड़े पहनकर प्रवेश पर लोक का निर्णय लिया गया था तो यह सूचना भी मैसिस के द्वारा सभी टिकट धारी दर्शकों तक पहुंचाई जा सकती थी। लेकिन नरेंद्र मोदी के डिजिटल भारत युग में शायद आयोजक बीसीसीआई और एमपीसीए अभी इतने आधुनिक नहीं बन पाए हैं वह तकनीक को इस स्तर पर प्रयोग करें। चलिए तकनीक का प्रयोग नहीं करते तो एक और बेहतर विकल्प बीसीसीआई और एमपीसीए कर सकता था। क्रिकेट स्टेडियम के मेन गेट पर क्रिकेट प्रेमियों को नंगा करने की बजाय अंदर प्रवेश कराने के बाद किसी रूम में यह किसी बंद स्थान पर उनको कपड़े बदलने का विकल्प दिया जा सकता था। साथ ही वहाँ पर उनके उतारे गए काले कपड़े सुरक्षित रखकर वापसी के दौरान उन्हें व्यवस्थित रूप से लौटाए जा सकते थे। लेकिन शायद आयोजकों की प्रमुखता बांग्लादेश को काले झंडे दिखाने से होने वाली बेइज्जती से बचाना था न कि क्रिकेट प्रेमी दर्शकों को सम्मान पूर्वक स्टेडियम में प्रवेश कराना। यह घटना भी क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो गई कि आयोजक बीसीसीआई और एमपीसीए की बदइंतजामी के चलते क्रिकेट प्रेमियों को ऐसी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। भविष्य में बीसीसीआईएमपीसीए को ऐसी अव्यवस्थाओं से बचने का विकल्प रखना चाहिए।

theinglespost
theinglespost
Our vision is to spread knowledge for the betterment of society. Its a non profit portal to aware people by sharing true information on environment, cyber crime, health, education, technology and each small thing that can bring a big difference.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular