अपने 54 माह की एमबीबीएस डिग्री में उसके बाद एक साल की इंटर्नशिप में आपने क्या पडढा? क्या सीखा? क्या वह बेहतर तरीके से मरीजों के इलाज के लिए आपको सक्षम बना पाया? क्या आप मेडिकल साइंस में पारंगत हो पाए? यह सब जानने के लिए और डॉक्टर बनने के लिए अब केवल एमबीबीएस की डिग्री काफी नहीं होगी यदि आप। ये डिग्री कर भी लें तो आपका केन्द्र या किसी भी राज में डॉक्टर बनने का पंजीयन नहीं होगा। सीधे तौर पर अब आपकी डिग्री और इंटर्नशिप नाकाफी रहेगी। और उसे पूर्ण करने के लिए आपको नेशनल एग्जिट टेस्ट (NExT) देना होगा। तभी आप अधिकृत रूप से डॉक्टर बन पाएंगे। नेक्स्ट परीक्षा क्या होती है? नेक्स्ट परीक्षा क्यों लागू की गई? आइए समझते हैं।
आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने 6 सितंबर को घोषणा की है कि आयुष के लिए नेशनल एग्ज़िट टेस्ट (NExT) 2021-2022 बैच से लागू होगी। यह घोषणा राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान करते हुए प्रताप राव जाधव ने बताया कि छात्रों की चिंताओं की समीक्षा के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है। समिति ने सुझाव दिया कि NExT को NCISM और NCH अधिनियम, 2020 के तहत 2021-22 शैक्षणिक सत्र में नामांकित छात्रों पर लागू किया जाएगा, जिससे इसके कार्यान्वयन में किसी भी अस्पष्टता को दूर किया जा सके। AIIMS की ओर से इस परीक्षा के आयोजित कराए जाने की संभावना है।
एक साल की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद लाइसेंसिंग और राज्य या राष्ट्रीय रजिस्टर में नामांकन के लिए NExT जरूरी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि NExT की संरचना एक प्रॉब्लम बेस्ट (प्रश्न-आधारित) परीक्षा है जिसमें व्यावहारिक कौशल का मूल्यांकन करने के लिए नैदानिक केस परिदृश्य, चित्र और वीडियो शामिल हैं। यह 2019 की बात है जब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक 2019 ने NExT की अवधारणा पेश की थी। यह परीक्षा एक व्यापक चिकित्सा पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर की परीक्षा है जिसका उद्देश्य भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में विभिन्न उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करना है।
NExT परीक्षा अंतिम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों के लिए क्वालीफिकेशन परीक्षा के रूप में काम तो काम करेगी और देश में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस भी प्रदान करेगी। इसके अलावा इसी परीक्षा के मेरिट के आधार पर विभिन्न स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश भी इसी परीक्षा की मेरिट के आधार पर होगा। इस योग्यता-आधारित प्रवेश प्रक्रिया का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि योग्य छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने का उचित अवसर मिले। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की ओर से परीक्षा आयोजित किए जाने की उम्मीद है, जो NMC के अनुसार, पहली बार 2028 में आयोजित की जाएगी। आपको बता दें कि इस तरह की परीक्षा फॉरेन। मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन केवल अभी तक उन्हीं छात्रों को देनी होती थी। जो विदेश से एमबीबीएस की पढाई करके लौटते थे और उनकी शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए यह परीक्षा एफएमजीई उन्हें देनी होती थी। लेकिन अब चाहे आप विदेश से पढ़कर आए चाहे देश। के संस्थानों से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करें। लेकिन अब आपको योग्य डॉक्टर बनने।के लिए इस मापदंड से होकर गुजरना होगा।
इंटर्नशिप पूरी करने से पहले NExT पास करने वाले इंटर्न एक साल की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद ही राज्य या राष्ट्रीय पंजीकरण बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। मतलब साफ है कि यदि आप इस परीक्षा को क्वालिफाई नहीं कर पाते हैं तो आपकी मेडिकल कॉलेज की पूरी पढ़ाई आपको डॉक्टर की पहचान दिलाने के लिए नाकाफी होगी। पूरे देश में कहीं भी मेडिकल प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। अब यह परीक्षा उन छात्रों के लिए बड़ी चुनौती है जो कम नीट मार्क्स पर भी पैसों के दम पर निजी कालेजों में सीट खरीद लेते हैं। अब यदि ऐसे निजी कॉलेज में उनको उच्च स्तरीय चिकित्सकीय शिक्षा नहीं मिली तो नेक्स्ट (NExT) का एग्जाम उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।