इंदौर मध्यप्रदेश में 69 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंक कर्मी ने नगर निगम के द्वारा उसकी दुकान हटाए जाने के कारण बुधवार को खुदकुशी कर ली। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अनिल यादव ने चंद्रलोक कॉलोनी के बहुमंजिला रिहायशी अपार्टमेंट के अपने घर में कथित तौर पर फांसी लगा ली। उन्होंने बताया कि आत्महत्या से पहले यादव ने एक पत्र छोड़ा, जिसमें उन्होंने दुकान हटाए जाने की कार्रवाई का जिक्र किया है।
पलासिया थाने के प्रभारी मनीष मिश्रा ने बताया कि बुजुर्ग के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है और उनकी मौत के मामले की तमाम पहलुओं पर जांच की जा रही है।
यादव के बेटे विक्रम ने बताया कि उनके पिता एक बैंक से सेवानिवृत्ति के बाद रिहायशी अपार्टमेंट में रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की दुकान चलाते थे। पड़ोसियों ने नगर निगम से शिकायत की थी कि उनके पिता की दुकान अतिक्रमण कर बनाई गई है और वे सोशल मीडिया पर भी उनके खिलाफ अनुचित बातें फैलाकर उन्हें परेशान कर रहे थे।
विक्रम ने बताया कि नगर निगम ने हमें दुकान हटाने का नोटिस सोमवार शाम को दिया और अतिक्रमण निरोधक दल ने हमें सामान बाहर निकालने का मौका दिए बगैर मंगलवार सुबह दुकान हटा दी। यह दुकान मेरे पिता की आय का एकमात्र जरिया था। लिहाजा इसे हटाए जाने के बाद वह तनाव में आ गए थे। वहीं नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि यादव की दुकान कथित तौर पर अतिक्रमण करके बनाई गई थी। क्षेत्रीय लोगों की कई शिकायतों पर जांच के बाद इसे हटाया गया।
नगर निगम को मिली थी अतिक्रमण की शिकायतें
आरोप है कि आसपास के लोगों द्वारा शिकायत करने के बाद नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए बुजुर्ग की दुकान तुड़वा दी. बताया जाता है कि बुजुर्ग को कुछ लोगों द्वारा लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था।