जिस नीम के पेड़ में ऐसे गुण होते हैं कि तमाम हानिकारक रोगाणु फंगस और जीवों को नष्ट कर देता है। यदि आपको भी कोई रोग हो तो आप नीम। के विभिन्न भागों का प्रयोग करते हैं लेकिन एक ऐसा कीड़ा भी है जो नीम। के पेड़ों को ही पूरी तरह से खत्म कर रहा है। ग्वालियर में नीम के पेड़ों पर ऐसे कीटों का हमला पहली बार हुआ है और जब पर्यावरण प्रेमियों द्वारा घटना को प्रशासन के संज्ञान में लाया गया तो प्रशासन सतर्क हुआ और उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से कीट हमले से नीम। के पेड़ों को बचाने के लिए मुहिम चला दी। ग्वालियर के सेकंड बटालियन में कीड़ों का हमला,नीम के सैकड़ों पेड़ कुतरने की घटना का जिला प्रशासन ने त्वरित संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान के निर्देशानुसार उपसंचालक कृषि श्री आर एस शाक्यवार ने तत्काल कृषि विज्ञान केन्द्र ग्वालियर के कीट विशेषज्ञ डाक्टर एस पी एस तोमर एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी घाटीगांव दिलीप कटारिया ने प्रभावित का स्थल निरीक्षण किया
सेकेंड बटालियन ग्वालियर के सुरेंद्र कुमार यादव एवं निरीक्षक नरेन्द्र सिंह कुशवाह के समक्ष प्रभावित पेड़ों का निरीक्षण किया। जिसके फलस्वरुप वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी दिलीप कटारिया ने बताया कि एक अभियान के रूप में सभी केटरपिलर के झुंड को सभी नीम पेड़ से एकत्र कर नष्ट करें। कृषि विशेषज्ञ डाक्टर तोमर ने बताया कि नेटन कैटरपिलर कीट है, जिसका ग्वालियर में नीम के पेड़ पर पहली बार प्रकोप दिखा है इसे जैविक नियंत्रण बेसिलस थ्यूरीजियेन्सिस (बीटी) 2.5ml मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए
रसायनिक नियंत्रण हेतु( प्रोफेनोफास 40% +साइपरमेथ्रिन 4%) 2ml प्रति लीटर पानी में* *मिलाकर प्रभावित पेड व कीट पर छिड़काव करें। नीम के पेड़ ऊंचाई पर होते हैं जिस पर पावर स्प्रेयर या ड्रोन के द्वारा छिड़काव करना उचित रहेगा।नइस संबंध में इफको के एरिया मैनेजर को उपसंचालक कृषि ग्वालियर आर एस शाक्यवार ने भी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रभावित पेड़ों पर शीघ्र ड्रोन द्वारा छिड़काव करेंश