डिजिटल डेस्कः अयोध्या उत्तर प्रदेश: अभी हाल ही में जब अयोध्या के राम मंदिर के ऊपर स्वर्ण कलश चढ़ाया गया तो स्वाभाविक रूप से ही कुछ लोगों के मन में यह प्रश्न उठा की अब तक राम। मंदिर पर कितना सोना चढ़ाया जा चुका है या लगाया जा चुका है। और जो स्वर्ण कलश चढ़ाया गया है उसका वजन क्या है। भक्तगणों की इन सभी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए मंदिर प्रबंधन ने अपना आधिकारिक बयान जारी किया है और अब तक राम। मंदिर पर कितना सोना लग चुका है? इसके बारे में खुलासा किया है। आइए हम आपको बताते हैं। के मंदिर में कब कब और कहां कितना सोना लगा है।
यूपी के अयोध्या स्थित राम मंदिर में राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राम मंदिर में कुल 45 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है। इसकी शुद्धता शत प्रतिशत है। इसका मूल्य टैक्स को छोड़कर लगभग 50 करोड़ रुपये है। सोने को मढ़ने का काम अभी शेषावतार मंदिर के शिखर पर बाकी है। उसका काम चल रहा है। मंदिर के भूतल, जहां रामलला विराजमान हैं, उसमें सभी दरवाजों में स्वर्ण का प्रयोग किया गया है। सिंहासन में भी सोने का काम किया गया है। बाकी सभी मंदिरों को स्वर्ण मंडित करने का काम पूरा हो चुका है।

आगे और जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भगवान राम की कृपा से ही हुआ है। किसी मनुष्य ने ये काम नहीं किया है, बल्कि किसी दैवीय शक्ति ने ही किया है। राजा राम के दरबार की स्थापना के बाद दर्शन के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी उसमें समय लग सकता है। क्योंकि, उसमें इतने श्रद्धालु दर्शन करने नहीं जा सकते। उसकी अभी व्यवस्था करनी है। राम दरबार के दर्शन की व्यवस्था पास के माध्यम से की जाएगी। हालांकि पास निशुल्क होगा राम मंदिर के निर्माण में अब पत्थर का कोई काम नहीं बचा है। अब जो रामकथा संग्रहालय का काम चल रहा है, उसी में पत्थर लगना बाकी है।
राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। यहां पत्थर का अब कोई काम शेष नहीं है। राम मंदिर परिसर में कुछ ऐसे काम हैं, जो दिसंबर 2025 तक पूरे हो जाएंगे। इस निर्माण में संग्रहालय सभागार और गेस्ट हाउस शामिल है। इसका निर्माण अभी चल रहा है। आने वाले समय में कहां और कितना सोना और लग सकता है हालांकि इस बारे में अभी तक कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई है। लेकिन यह तो तय है के कई और स्थानों पर कुछ और सोना भी उपयोग किया जा सकता है।
