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माधवीराजे की स्मृति में भागवत कथा के पांचवे दिन सिंधिया ने किया व्यास पीठ का पूजन

महाराष्ट्र हितचिंतक सभा द्वारा कैलाशवासी माधवीराजे सिंधिया की प्रथम पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित हो रही भागवत कथा का रसपान करते हुए लाड़ली सरकार ने कहा कि जीते जी मुक्त होने के तीन उपाय हैं। मन, वाणी और शरीर से

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: भगवान के भक्तों को जो परेशान करता है, भगवान उसे कभी भी क्षमा नहीं करते हैं, इसलिए सदा खुद को भगवान की भक्ति में लीन रखें, फिर जगत में कोई भी आपका बाल बांका नहीं कर सकता है। यह विचार गुरूवार को मराठा बोर्डिंग में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास सुधि उपाध्याय लाड़ली सरकार ने व्यक्त किए। यह कथा चार मई से आयोजित की गई है और इसका समापन दस मई को होगा। भागवत कथा में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु सम्मिलित होकर कथा का आनंद ले रहे हैं।

इस मौके पर गोवर्धन भगवान को 56 भोग लगाए गए। कथा में अपनी मां को श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहुंचेे। उन्होंने श्रद्धालुों के बीच बैठकर भागवत कथा का श्रवण किया एवं व्यास पीठा का पूजन किया। इस मौके पर कथावाचक लाड़ली सरकार ने सिंधिया को राजवंश में पैदा हुए एक प्रजापालक जनप्रतिनिधि बताते हुए कहा कि सिंधिया परिवार का यश पूरे विश्व में है, लेकिन फिर भी वे एक साधारण जनप्रतिनिधि की भांति जनसेवा में जुटे हुए हैं। सिंधिया ने लाड़ली सरकार को फल मिष्ठान वस्त्र भेंट स्वरूप प्रदान किए। आज कथा परीक्षत स्नेहा विवेक सासौड़े रहै।

महाराष्ट्र हितचिंतक सभा द्वारा कैलाशवासी माधवीराजे सिंधिया की प्रथम पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित हो रही भागवत कथा का रसपान करते हुए लाड़ली सरकार ने कहा कि जीते जी मुक्त होने के तीन उपाय हैं। मन, वाणी और शरीर से भगवान की शरण में हो जाए, फिर आपको किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि देवी की एक, सूर्य की सात और श्रीगणेश की तीन परिक्रमा की जाती हैं। लाड़ली सरकार ने कहा कि हम यदि किसी की थोड़ी सी सेवा या सहयोग कर दें तो उसका ढिंढोरा पीटते हैं, लेकिन सच यह है कि करने वाला तो भगवान हैं, वो आपको तो निमित्त बनाता है, इसलिए जब कभी ऐसा अवसर मिले भगवान का धन्यवाद करना चाहिए, क्योंकि उसी की कृपा से यह संभव होता है।

उन्होंने बताया कि भगवान का स्वरूप विराट है,लेकिन फिर भी भक्त के प्रेम के बंधन में बंध जाते हैं। यशोदा मां का प्रेम ही था जो उन्होंने बालकृष्ण को रस्सी से बांध दिया। कथा के पांचवे दिन भगवत भजनों से पांडाल गूंज उठा। एक से बढ़कर एक सुमधुर भजनों पर श्रद्धालु विभोर होकर नृत्य करते रहे। अलबैली सरकार जपे जा राधे-राधे…., हमारो मन राधे श्री राधे श्री राधे…., हम हाथ उठाकर कहते हैं हम हो गए राधारानी के..जैसे एक के बाद एक भजनों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर भगवान की भक्ति में सराबोर कर दिया।

इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश राजौरिया, जिला महामंत्री विनय जैन, राजू पलैया, विनोद शर्मा, मराठा बोर्डिंग के अध्यक्ष बालराज शिंदे, कार्यक्रम संयोजक संग्राम कदम, सहसंयोजक संजय सूर्यवंशी, रविंद्र पाटनकर, धर्मेन्द्र गायकवाड़, राजेंद्र शिंदे, संजय दुबेकर, गुरू देवेंद्र उपाध्याय, वीआर कदम, केशवराव पंवार, प्रताप महाडिक, संजय फ़डतरे मीडिया प्रभारी गजेंद्र इंगले प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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