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मकर संक्रान्ति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग? जानिए आर्थिक सामाजिक स्वास्थ्य और वैज्ञानिक कारण जो कर देंगे आपको हैरान!

मकर संक्रांति का त्यौहार आते ही बड़ों और बच्चों में एक खास चीज को लेकर काफी उमंग और जोश रहता है और वह है पतंगबाजी। मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा, क्या कारण है जिसकी वजह से इस दिन लोग जमकर पतंगबाजी करते हैं। तब आसमान में रंग बिरंगी अलग-अलग आकार की और अलग-अलग आकृतियों की पतंगें उड़ती हैं तो वह मन मोह लेती है। पतंग उड़ाने का सबसे ज्यादा महत्व गुजरात में हैं, जहाँ पूरा आसमान है पतंगों से पट जाता है। लेकिन गुजरात के साथ साथ देश के कई उत्तर भारतीय राज्यों में भी मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाई जाती है।आइए जानते हैं कि ऐसा क्या कारण है जिसकी वजह से मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने का विशेष महत्व है।

आजकल मकर संक्रांति के दिन ज्यादातर युवा उड़ाने को केवल एक खेल के रूप में ही जानते हैं। निस्संदेह वह पतंगबाजी का आनंद लेते हैं लेकिन पतंग उड़ाने के पीछे क्या धार्मिक महत्व है इसकी जानकारी ज्यादातर युवाओं को नहीं होती है। मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने के पीछे धार्मिक वजह भी है और उन धार्मिक वजहों को परंपरागत रूप से आगे बढाते हुए ही आज तक इस दिन पतन उड़ाने का महत्व माना गया है। 

आज के आधुनिक युग में जहां ज्यादातर युवा तकनीक और सोशल मीडिया में ज्यादा लिप्त पाए जाते हैं उस समय तो पतंगबाजी का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि पतंगबाजी एक ऐसा उत्सव है जिसमें लोग अपना सामाजिक दायरा बढ़ा पाते हैं एक-दूसरे से मिल पाते हैं इस तरह सामाजिक दायरा बढ़ाने और उसे मजबूत करने के। लिए भी। पतंगबाजी का अपना ही एक महत्व है जो पुराने समय से चला आ रहा है जब लोग पतंग उड़ाने।के लिए एक साथ एक जगह पर एकत्रित होते थे। और यही परंपरा आज तक चली आ रही है। और निस्संदेह है इस तरह एक साथ इस उत्सव पर एकत्रित होना, हमारी सामाजिक एकता को भी बढ़ाता है।

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की धार्मिक मान्यताएं हैं। तमिल रामायण के मुताबिक, मकर संक्रांति के दिन सबसे पहली बार पतंग भगवान श्रीराम ने उड़ाई थी। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पतंग इतनी ऊंची उड़ रही थी कि वह इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। तभी से मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू हो गई। पतंग उड़ाने को शुभता और खुशी का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए इस दिन बच्चों से लेकर बड़े तक हर कोई पतंग उड़ाने के लिए बेहद उत्सुक नजर आता है। मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर लोग अपने जीवन में खुशहाली और सफलता की कामना करते हैं।

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। जैसा कि आप जानते हैं मकर संक्रांति का त्योहार सर्दी के मौसम में आता है। जनवरी का महीना कड़ाके की ठंड का होता है। ऐसे में सुबह के समय छत पर पतंग उड़ाने से शरीर को धूप मिलती है, जिससे विटामिन-डी की कमी पूरी करने में मदद मिलती है।
पतंग उड़ाना हमें शारीरिक और मानसिक रुप से मज़बूत करता है। विटामिन-डी शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। इसकी कमी की वजह से हड्डियां और इम्युनिटी कमजोर हो सकती हैं। विटामिन-डी सबसे ज्यादा धूप से मिलती है, लेकिन सर्दी के मौसम में धूप कम निकलती है और आजकल लोग वैसे भी धूप में कम समय बिताते हैं। ऐसे में मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने से उन्हें धूप मिलती है और विटामिन-डी मिलती है। पतंग उड़ाते समय फिजिकल एक्टिविटी होती है, जिससे हमारी बॉडी एक्टिव रहती है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। एक कारण यह भी है कि सर्दी के मौसम में धूप की कमी की वजह से मूड भी काफी डाउन रहता है। ऐसे में पतंग उड़ाने से मूड अच्छा होता है, जो हमारी मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है। तो आशा करते हैं कि इतने सारे तमाम कारण जानने के बाद अब आप भी इस बार पतंग अवश्य उड़ाएंगे और मकर संक्रान्ति का भरपूर आनंद लेंगे। 

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