ग्वालियर मध्य प्रदेश: आम आदमी के टैक्स से तनखा पाकर अपने बच्चे पालने वाले सरकारी कर्मचारियों की कार्यशैली किस तरह मंत्रियों और और विशेष लोगों के लिए तत्काल सुविधा की रहती है और आम आदमी के लिए ना नुकर और टालमन टोल की होती है। इसका उदाहरण है उस समय मिला एक शिकायतकर्ता ने खराब खाद्य सामग्री की शिकायत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को की लेकिन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई न करते हुए अपनी कर्तव्यनिष्ठा से पल्ला झाड़ते हुए मामले को टालने की कोशिश की। वह तो शुक्र है कि यह आम नागरिक ग्राहक हित में काम करने वाले देश के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के पास पहुंचा और उनके प्रयास से तीन दिन बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को बेमन से कार्रवाई के लिए पहुंचना पडा।
मामला ग्वालियर के अचलेश्वर रोड स्थित फूड स्टॉल्स का है। जहाँ रोज शाम हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और यहां के चटपटे। लेकिन संभवतः अमानक सामग्री से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। कई बार कुछ ग्राहक यदि दुकानदार से शिकायत करते भी हैं तो उनसे बदसलूकी की जाती है और ज्यादातर ग्राहक अपनी शिकायत संबंधित विभागों तक नहीं पहुंचाते हैं। क्योंकि उन्हें भी लगता है ये सब सांठगांठ है।आखिर में होना जाना कुछ नहीं है। लेकिन कोई एक ग्राहक जुनूनी भी होता है और वह अपनी शिकायत पर जाता है। ऐसे ही एक ग्राहक राजेश अग्रवाल जब श्री राम राम। पाव भाजी सेन्टर पहुंचे और उन्होंने शुक्रवार को यहाँ पाव। भाजी खाई छोले बटूरे खाए। उसके बाद उनका गला खराब हो गया। उनको घबराहट होने लगी तो वह समझ गए के कुछ न कुछ गडबड़ यहां की खाद्य सामग्री में है।

शिकायतकर्ता राजेश अग्रवाल बताते हैं कि उन्होंने इस संबंध में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से संपर्क किया और उसने कार्रवाई की मांग की लेकिन खाद्य सुरक्षा अधिकारी उनकी शिकायत को टालने लगे और उन्हें साफ लगा। कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी किसी तरह की कार्रवाई करना नहीं चाहते हैं। फिर उन्होंने अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत मध्य भारत प्रांत के जिला सचिव सुरेश श्रीवास्तव से संपर्क किया। सुनील श्रीवास्तव ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों पर दबाव बनाया कि एक आम आदमी की शिकायत पर आपको कार्रवाई करनी पड़ेगी। तब जाकर खाद्य सुरक्षा विभाग जागा और सोमवार को शाम को अचलेश्वर रोड स्थित फूड स्टॉल पर पहुंचा।
जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी स्पॉट पर पहुंचे उस समय शिकायतकर्ता राजेश अग्रवाल भी वहां पर उपस्थित थे और उस समय दुकानदार उनसे यह तो छोटी सी बात थी कहते हुए नजर आए। यहां पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने तमाम स्टॉल से सैंपलिंग की कार्यवाही की। उन्होंने साउथ इंडियन मद्रासी डोसा से तेल के सैंपल लिए श्रीराम पाव भाजी से भाजी और मक्खन के सैंपल लिए मिर्ची इंडियन फूड से तेल के सैंपल लिए है और साथ ही सीताराम छोले भटूरे से छोले और तेल के सैंपल एकत्रित किए। इस कार्यवाही के समय अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की टीम के कई सदस्य मध्य भारत प्रांत सचिव लोकेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में वहां उपस्थित रहे और उन्होंने वहां पर उपस्थित अन्य ग्राहकों को जागरूक भी किया।
जब वहां उपस्थित खाद्य सुरक्षा अधिकारी सतीश धाकड़ से हमने पूछा कि सैंपल के बाद इन पर कार्यवाही कब होगी तो उनका कहना था के चौदह दिन कि समय सीमा रहती है और सैंपल भोपाल से आने जाने में समय लगता है तो कुल अवधि एक महीने की हो जाती है। यहां यह बात समझ से परे है की यह सैंपल ऐसी किस बैलगाड़ी में आते जाते हैं जिन्हें आने जाने में 15 दिन का समय लग जाता है। जबकि यह सैंपल दो एक या।दो दिन में भी पहुंच सकते हैं। जब सतीश धाकड़ से पूछा गया के पिछले माह मंत्री जी। की शिकायत पर रात को ग्यारह बजे आप लोगों ने जब क्वालिटी रेस्टोरेंट सिटी सेन्टर पर कार्रवाई की थी तब तेल अमानक है। यह जांच तुरंत हो गई थी। तो फिर एक आम आदमी की शिकायत के बाद उसी तेल की जांच में एक महीने का समय क्यों? तब खाद्य सुरक्षा अधिकारी पर इस बात का कोई जवाब नहीं था।

जब हमने वहां उपस्थित कुछ ग्राहकों से बात की तो उनका कहना था के खाद्य पदार्थों में मिलावट पूरे शहर में हो रही है। कई जगह पर दूध और अन्य दुग्ध उत्पाद मिलावटी हैं। घी मिलावटी है हो सकता है कि यहां पर भी तेल गलत गलत प्रयोग किया जा रहा हो। जब हमने उनसे कहा कि आप शिकायत क्यों नहीं करते तो ग्राहकों का कहना था कि क्या प्रशासन को पता नहीं है ये कहां पर क्या मिलावटी बिक रहा है यह सब लोग सब जानते हैं इनको सब पता है और हमारी शिकायत से कुछ होना जाना नहीं है। हमारा समय और खराब होगा। इसलिए हम शिकायत नहीं करते हैं।
पूरे कार्यवाही पर लोकेंद्र मिश्रा संगठन मंत्री अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का कहना है की अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ग्राहकों के हित में समय समय पर ऐसी। कार्रवाई कराता है। साथ ही ग्राहकों के जागरूकता के लिए भी काम करता है यदि किसी तरह की कोई मिलावट की अमानक खाद्यपदार्थ की। जानकारी किसी आम आदमी को मिलती है। तो उसे शिकायत जरूर करना चाहिए क्योंकि जब तक आम आदमी जागरूक नहीं होगा शिकायत नहीं करेगा तब तक यह विभाग और प्रशासन यों ही सोता रहेगा। यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है के उसे यदि कहीं पर कुछ गलत सामग्री मिलती है तो वह उस संबंध में न्याय के लिए अपनी लड़ाई स्वयं लड़े। और ऐसे आम आदमी के साथ में ग्राहक पंचायत सदैव खड़े रहकर उसकी हर संभव मदद करता है।