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निगम कमिश्नर की तानाशाही पर व्यापारी बैठे धरने पर, गार्बेज शुक्ल विसंगति, ट्रेड लाइसेंस की ज़बरन कार्रवाई पर एमपीसीसीआई की यह हैं मांग

ग्वालियर मध्य प्रदेश: विसंगति पूर्ण गारबेज शुल्क, ट्रेड लायसेंस के लिए जबरिया दबाव एवं ट्रांसपोर्ट नगर की बदहाल सड़कों पर म.प्र. चेम्बर ऑॅफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के नेतृत्व में व्यापारी आज आयुक्त नगर निगम, ग्वालियर से समय लेने के उपरांत शाम 5 बजे निगम मुख्यालय पर ज्ञापन देने पहुंचे| आयुक्त मुख्यालय पर नहीं मिले और उनका संदेश व्यापारियों को दिया गया कि वे बाल भवन में हैं, आप वहां पर जाकर भेंट कर लें| बाल भवन पहुंचने पर व्यापारियों से निगमायुक्त नहीं मिले और उन्हें पुन: संदेश दिया गया कि आप निगम मुख्यालय पहुंचे निगमायुक्त वहीं आपसे मिलेंगे| व्यापारियों के वहां पहुंचने के बाद पुन: व्यापारियों से कहा जाने लगा कि आप बालभवन चले जायें| इस पर व्यापारी भड़क गये और निगमायुक्त के इस तानाशाही पूर्ण रवैये का विरोध करते हुए व्यापारी वहीं धरने पर बैठ गये और निगम कमिश्नर के इस रवैये का विरोध किया| व्यापारियों के इस आक्रोश को देखते हुए अपर आयुक्त मुनीष सिकरवार व्यापारियों के बीच पहुंचे और क्षमा मांगी, इसके बाद उन्हें ज्ञापन दिया गया|

आपको बता दें कि वर्तमान एमपीसीसीआई अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के करीबी माने जाते हैं और वर्तमान में भाजपा ही मध्यप्रदेश में शासन में है। इसके बावजूद भी नगर निगम कमिश्नर ने व्यापारियों की मांग को नजरअंदाज करते हुए व्यापारियों से मिलने तक का समय नहीं निकाला। डाॅ. प्रवीण अग्रवाल ने ज्ञापन देते हुए कहा कि निगमायुक्त का यह रवैया तानाशाही पूर्ण है और उनके इस रवैये की मुख्यमंत्री महोदय से शिकायत की जायेगी| व्यापारियों पर हो रही तानाशाही कार्यवाही को चेम्बर सहन नहीं करेगा और इसके लिए आवश्यकता पड़ेगी तो धरना प्रदर्शन किया जायेगा और ग्वालियर बंद कराने की आवश्यकता पड़ेगी तो ग्वालियर बंद भी कराया जायेगा लेकिन अवैध रूप से यह वसूली नहीं होने दी जायेगी|

ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष-हेमंत गुप्ता, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन अग्रवाल, कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल, पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-डॉ. प्रकाश अग्रवाल सहित टोपी बाजार से अध्यक्ष संदीप वैश्य, सचिव ऋषि कपूर, बर्तन व्यवसाई संघ के सचिव माधव अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य रोशन गाबरा, अंकुर अग्रवाल, मनोज सरावगी, संजय अग्रवाल, दीपक जैसवानी, लक्ष्मी नारायण गर्ग, आशीष अग्रवाल, आशीष जैन, रामकुमार अग्रवाल, रवि मित्तल, नंद किशोर गोयल, सुशांत सिंघल, कृष्ण बिहारी गोयल, संजय धवन, राजा श्रीवास्तव, नरेश अग्रवाल, मनीष बांदिल ,समीर अग्रवाल, इंद्रपाल अरोरा, अनिल पंजवानी, राजकुमार गुलशानी, वासुदेव दयानी, मनीष अग्रवाल, प्रतेश अग्रवाल आदि शामिल रहे|

आपको बता दें कि गॉरबेज शुल्क की विसंगति के लिए तो व्यापारी लंबे समय से परेशान थे ही और नगर निगम से इसमें सुधार की मांग कर रहे थे। सालों से व्यापारियों की यह समस्या अधर। में थी। इसी बीच इस साल। नगर निगम ने ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य कर व्यापारियों। की मुश्किल और बढ़ा दी है एक व्यापारी को। बड़ी फर्म चलाने के लिए फार्म रीस्टार्ट कर। या कंपनी फॉर्मेट से छोटे मोटे धंधे। के लिए स्टॉप एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। जो नियमानुसार ही होता है इसके बावजूद भी अब नगर निगम एक अलग से ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य कर रही है और इसके लिए शहर में प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है लेकिन यहां ट्रेड लाइसैन्स के नाम पर भी एक बड़ी रकम हर साल वसूलने की। योजना नगर निगम की है। जिसको लेकर व्यापारियों में रोष है। और व्यापारियों की तरफ से मध्य प्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स यह माँग उठाने के लिए निगम आयुक्त से मिलने पहुंचा था। लेकिन निगम कार्यालय पहुंचे व्यापारियों को जिस तरह की हताशा हाथ लगी। वह साफ बता रही है नगर निगम व्यापारियों। की कोई भी परेशानी सुनने के मूड में नहीं हैं। व्यापारियों और मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स की जिस तरह से उपेक्षा आज नगर निगम आयुक्त ग्यारह हुई है। उसको देखते हुए अब आगे व्यापारी क्या कदम उठाते हैं, यह देखना होगा!

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