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देवास पुलिस ने पकड़ा नकली नोट का कारखाना, 15 लाख की नकली करेंसी के साथ पांच गिरफ्तार

देवास मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश का जो देवास जिला करंसी नोट प्रेस के लिए पूरे देश में विख्यात है उसी देवास में नकली नोट बनाने का कारखाने का खुलासा होने से हड़कंप मच गया है। जब पुलिस ने यहां दबिश दी तो कोई छोटा मोटा नोट छापने। का काम न होते हुए बड़े स्तर पर नकली नोट छापने। का काम चल रहा था और स्पोर्ट से ही पुलिस ने पंद्रह लाख से अधिक की नकली करंसी के साथ बड़ी मात्रा में कच्चा माल प्रिंटर  अन्य सामग्री बरामद की है। पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है और स्पोर्ट से ही पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। अभी इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

1 जून को बैंक नोट प्रेस के थाना प्रभारी अमित सोलंकी को सूचना मिली कि दो व्यक्ति नकली नोट लेकर क्षेत्र से जा रहे है। पुलिस ने दो विशेष टीमों का गठन किया। टीमों ने आरोपी सचिन नागर और शुभम वर्मा को गिरफ्तार कर उनके पास से 1,96,200/- के नकली नोट एवं एक काली रंग की स्प्लेंडर बाइक जब्त की। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि आरोपी राजकुमार मालवीय द्वारा अपने निवास पर नकली नोटों का निर्माण किया जा रहा हैं।

पुलिस ने मीडिया को जो जानकारी साझा की है उसके अनुसार यह गैंग इंदौर के खजूरी बाज़ार से प्रिंटिंग के लिए कागज लेकर आती थी और कलर प्रिंटर्स की मदद से नकली नोट छापती थी। पिछले तीन माह से यह आरोपी इस।कपुलिस ने मीडिया को जो जानकारी साझा की है उसके अनुसार यह गैंग इंदौर के खजूरी बाज़ार से प्रिंटिंग के लिए कागज लेकर आती थी और कलर प्रिंटर्स की मदद से नकली नोट छापती थी। पिछले 3 माह से यह आरोपी इस काम को अंजाम दे रहे थे हालांकि नोट की गुणवत्ता बहुत अच्छी नहीं होने के कारण यह नोट बाज़ार में खपाने। में वह कामयाब नहीं हो रहे थे और नोट के खरीददार ढूँढने में लगे हुए थे।

जब पुलिस को जानकारी मिली कि कुछ लोग नकली नोट बेचने के फिराक। में है तो पुलिस ने बाइक पर दो। लोगों को दो लाख के नकली नोटों के साथ रंगे हाथों पकड़ा। पुलिस ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पुख्ता सूचना मिलने पर जब कारखाने पर छापा मारा तो पांच आरोपी और हाई टेक उपकरण मिले जिनसे नोट बनाए जा रहे थे, जिन दो आरोपियों सचिन नागर और शुभम वर्मा को बाइक पर नकली नोटों के साथ पकड़ा था। उनसे पूछताछ पर ही फैक्ट्री का खुलासा हुआ। उन्होंने बताया कि राजकुमार मालवीय अपने घर पर ही नकली नोट बना रहा है। पुलिस ने जब घर पर दबिश दी तो अन्य आरोपित सुनील पाटिल और राजकुमार पुलिस के हाथ लग गए।

पुलिस ने आरोपियों के पास से लैपटॉप प्रिंटर स्कैनिंग पेटी। सौ दो सौ पांच सौ के आधे छपे हुए नोट दो मोटरसाइकिल जब्त की है और साथ ही पुलिस को पंद्रह लाख इक्कीस हजार की छपी हुई नकली करेंसी भी बरामद हुई है। आरोपी सुनील पाटिल नकली नोट के मामले में पहले भी जेल जा चुका है और जेल में रहकर ही इसने बड़े स्तर पर नकली नोट छापने की योजना बनाई थी। कलर प्रिंटर से प्रिंट कर नोट के आगे और पीछे के हिस्सों को बराबरी से चिपकाया जाता था वाटर मार्क और चमक। के साथ आरबीआई के मोनो के लिए स्क्रीन प्रिंटिंग। का उपयोग किया जाता था। सिलाई करके बीच में सिक्योरिटी थ्रेड भी लगाया जाता था। ताकि नोट हूबहू असली जैसे लगें। 

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