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क्रॉप लाइफ इंडिया की अनूठी पहल, महिला दिवस पर अन्न दात्री महिला किसानों का सम्मान

फसल उत्पादन में महिलाओं की सहभागिता का अंश 60-80 प्रतिशत है। इसके अलावा, जैसा कि एक कहावत में दोहराया गया है - यदि आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं, लेकिन यदि आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप एक राष्ट्र को शिक्षित करते हैं।

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: महिला दिवस पर हर क्षेत्र की महिलाओं का सम्मान होते हुए आपने देखा होगा लेकिन एक कृषि प्रधान देश में जहाँ महिलाएं दिन रात खेत में मेहनत करती नजर आ रही हैं उनके इस समर्पण के सम्मान की बात शायद आपने अभी तक न सुनी हो। यह अनूठी शुरुआत की है क्रॉपलाइफ इंडिया ने इस महिला दिवस पर नारी शक्ति महोत्सव आयोजित करके की है। क्रॉप लाइफ इंडिया भारतीय और वैश्विक अनुसंधान एवं विकास आधार संचालित फसल विज्ञान संगठनों का एक समूह है। संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि और आर्थिक विकास में महिला किसानों के अमूल्य योगदान को मान्यता देना है। कृषि रसायनों के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग और नकली पदार्थों की पहचान पर प्रशिक्षण दिया गया; जो सुरक्षित फसल उत्पादन के लिए अपरिहार्य हैं। कार्यक्रम में श्री नरेंद्र मोदी सरकार की ‘नमो ड्रोन दीदी पहल’ के तहत स्थानीय ड्रोन दीदी हीना मांझी द्वारा फसल सुरक्षा उत्पादों का एक ड्रोन प्रदर्शन भी शामिल था।

कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख डॉ. शैलेन्द्र सिंह कुशवाह कहा कि “2025 के लिए अभियान का विषय “त्वरित कार्यवाही ” है और व्यापक विषय “महिलाओं के सशक्तिकरण और प्रगति में गति लाना” है। एक समावेशी समाज बनाने और महिला सशक्तिकरण और समानता के महत्व पर जोर देना है। हम नारीत्व की भावना को सलाम करते हैं क्योंकि महिलाएं ही समाज की वास्तविक निर्माता हैं। महिलाएं खेती की कई गतिविधियों में योगदान दे रही हैं, जिसके लिए फसल सुरक्षा प्रौद्योगिकी के ज्ञान हस्तांतरण की महती आवश्यकता है। वास्तव में फसल उत्पादन में महिलाओं की सहभागिता का अंश 60-80 प्रतिशत है। इसके अलावा, जैसा कि एक कहावत में दोहराया गया है – यदि आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं, लेकिन यदि आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप एक राष्ट्र को शिक्षित करते हैं।

“क्रॉपलाइफ इंडिया भारत भर में सहभागी खाद्य और कृषि हितधारकों से #Accelerate Action और स्थायी और न्यायसंगत खाद्य प्रणालियों और ग्रामीण विकास को प्राप्त करने के लिए महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम करने का आह्वान कर रहा है। ग्वालियर के आसपास के गांवों से लगभग 200 महिला किसानों को सम्मानित किया गया वे सभी मुख्यतः भितरवार, बरई, निकौड़ी आदि समीपवर्ती गांवों के अग्रणी किसान हैं।

एन रुद्रा की निदेशक सुमन साहा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर विशेष कार्यक्रम “नारीशक्ति महोत्सव” उन महिला किसानों को एक मंच प्रदान करना है जहां उन्हें कृषि में उनकी कड़ी मेहनत और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाना है। बीज बोने से लेकर कटाई ,भंडारण, प्रसंस्करण आदि तक महिलाएं लगभग सभी गतिविधियों का हिस्सा हैं, फिर भी दुख की बात है कि संसाधनों तक उनकी पहुंच पुरुष किसानों की तुलना में कम है।

यह कार्यक्रम इन महिलाओं को असली फसल सुरक्षा उत्पादों का उपयोग करके, नकली, नकली, घटिया और अपंजीकृत/बिना लाइसेंस वाले कृषि रसायनों का पता लगाकर तकनीक और विवेक से सुरक्षित और स्वस्थ फसल पैदा करने के लिए प्रेरित करने पर केंद्रित है, ताकि सतत् विकास की अवधारणा को संबल मिल सके और जलवायु परिवर्तन के संक्रांति काल में राष्ट्रीय कृषि में अपना योगदान दक्षता से बरकरार रख सके । एफएमसी की सोनी ममगाईं ने कार्यक्रम का स्थान ग्वालियर के लिये बताया कि यह विश्वविद्यालय महिला विदुषी नेत्री के नाम से देश में इकलौता कृषि विश्वविद्यालय है । ग्वालियर और चंबल संभाग में उभरते कृषि परिदृश्य में अपार संभाव्यता है ओर क्षेत्र में महिला नेतृत्वकर्ता की संस्कृति रही है।
महिलाओं ने किसान के रूप में अपनी उपलब्धियों, अनुभवों और क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों को साझा किया। महिलाओं को अपनी कार्य दक्षता और पसंदीदा क्षेत्र में योगदान करना चाहिए और अपना मुकाम हासिल करना चाहिए।

इस कार्यक्रम में रसोई उद्यान गतिविधियों, खाद्य प्रसंस्करण, अपशिष्ट प्रबंधन, एकीकृत कीट प्रबंधन और महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन जैसी विभिन्न गतिविधियों के साथ संचालित किया गया ताकि उन्हें प्रेरित किया जा सके, शिक्षित किया जा सके और उन्हें अपनी क्षमता का विकास कर सकें और उत्तरोत्तर वृद्धि और विकास की कार्य संस्कृति की सिलसिलेवार समायोजन हो सके।
कृषि विज्ञान केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक रीता मिश्रा ने महिला किसानों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा आय अर्ज़न द्वारा महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया उन्होंने महिलाओं को पोषण वाटिका , खाद्य में मिलेट का प्रयोग तथा मशरूम उत्पादन करने के बारे में विस्तार से बताया।

डॉ. शैलेन्द्र सिंह कुशवाह, प्रमुख – केवीके, ग्वालियर ने समारोह की अध्यक्षता की। मुख्य अतिथि डाक्टर सुरेन्द्र सिंह तोमर, विशिष्ट अतिथि डाक्टर अर्चना मौर्या , स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, बलदेव छारिया, प्रतिष्ठित अधिवक्ता, राकेश भार्गव, अंजना सुंदरियाल क्रापलाईफ इन्डिया, सोनी ममगाईं एफएमसी , सुरेन्द्र कुमार , क्रापलाईफ इन्डिया, मनीष देश पाण्डे कोरटीभा, सुमन साहा निदेशक एन रुद्रा, दीपक जैन, एन रुद्रा और डाक्टर रीता मिश्रा, डाक्टर रश्मि बाजपेई, आदि कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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